नमो टीवी: चुनाव से ठीक पहले नया चैनल कहां से आया
बीते कुछ दिनों से देश में चुनाव आयोग से लेकर राजनीतिक पार्टियां और मीडिया एक विषय पर लगातार चर्चा कर रहे हैं- मुद्दा ये है कि नमो टीवी नाम का एक चैनल चुनाव से ठीक पहले कहां से आया और कैसे आया. चर्चा इसकी भी है कि इस चैनल का मालिक कौन है और कहां से चैनल चलाया जा रहा है.
बुधवार को चुनाव आयोग ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से आचार संहिता लागू होने के बाद नमो टीवी के लॉन्च होने के संबंध में जवाब मांगा.
इससे पहले, इसी सप्ताह आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से चलाए जा रहे इस चैनल की शिकायत की थी.
पार्टी का सवाल था कि चुनाव में आचार संहिता लागू होने के बाद किसी एक राजनीतिक पार्टी को 24 घंटे चैनल चलाने कैसे दिया जा सकता है. साथ ही पार्टी ने सवाल किया था कि इस चैनल पर प्रसारित होने वाले कंटेन्ट की निगरानी कौन करेगा?
डीटीएच पर सर्विस देने वाले टाटा स्काई ने गुरुवार को यू-टर्न लेते हुए इस बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि नमो टीवी 'हिंदी न्यूज़ चैनल' नहीं है. यह एक विशेष सुविधा है जो इंटरनेट के माध्यम से मुहैया कराया जा रहा है. और इसके प्रसारण के लिए सरकारी लाइसेंस की ज़रूरत नहीं. हालांकि इससे पहले टाटा स्काई कहता रहा था कि यह न्यूज़ चैनल है.
सरसरी निगाह से देखें तो नाम के कारण ये चैनल बीजेपी का लगता है, लेकिन अब तक आधिकारिक तौर पर बीजेपी ने इसके बारे में कुछ नहीं कहा है.
एनडीवीटी की एक ख़बर के अनुसार वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि "उचित अधिकारी इसका उत्तर देंगे, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और चुनाव आयोग को इसके बारे में टिप्पणी करने दीजिए. आपको और हमें इसमें नहीं पड़ना चाहिए."
इसके बारे में टाटा स्काई ने 29 मार्च को अपने एक ट्वीट में कहा था कि "चैनल 512 पर आने वाला नमो टीवी हिंदी न्यूज़ चैनल है और राजनीति के बारे में ख़बरें देता है."
एक अन्य ट्वीट में एक सवाल के उत्तर में टाटा स्काई ने कहा था कि "लॉन्च ऑफर के तौर पर ये चैनल सभी उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है. इसे हटाने का कोई विकल्प नहीं हैं."
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद सूची के अनुसार 31 मार्च 2019 तक देश में कुल 901 टीवी चैनल काम कर रहे हैं. इस सूची में नमो टीवी का कहीं कोई नाम नहीं है. इसके अलावा संचार सैटलाइट लिंगसैट के ज़रिए जुड़ने वाले डीटीएच सेवाओं की सूची में भी नमो टीवी का नाम नहीं है.
मंत्रालय की वेबसाइट पर एक सूची में 31 उन चैनलों के नाम हैं जिन्हें 31 जनवरी 2019 को चालू होने की इजाज़त मिली है. इसमें भी नमो टीवी का नाम नहीं है.
क्या दिखता है नमो टीवी पर?
भारत में लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच में होने वाले हैं और मार्च 10 से देश में आचार संहित लागू हो गई है.
नमो टीवी को कन्टेन्ट टीवी के नाम से भी पुकारा जा रहा है और चैनल की वेबसाइट पर साफ़ तौर पर कहा गया है कि ये नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण, उनसे जुड़ी ख़बरें और उनसे भाषण दिखाने के लिए है.
इस चैनल ने अपने लोगो में नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया है और ये टाटा स्काई, डिश टीवी और कई अन्य प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है.
कई लोगों ने इस पर ऐतराज़ जताया था और कहा था कि उनकी मर्ज़ी के बिना उन्हें ये चैनल परोसा जा रहा है.
बुधवार को चुनाव आयोग ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से आचार संहिता लागू होने के बाद नमो टीवी के लॉन्च होने के संबंध में जवाब मांगा.
इससे पहले, इसी सप्ताह आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से चलाए जा रहे इस चैनल की शिकायत की थी.
पार्टी का सवाल था कि चुनाव में आचार संहिता लागू होने के बाद किसी एक राजनीतिक पार्टी को 24 घंटे चैनल चलाने कैसे दिया जा सकता है. साथ ही पार्टी ने सवाल किया था कि इस चैनल पर प्रसारित होने वाले कंटेन्ट की निगरानी कौन करेगा?
डीटीएच पर सर्विस देने वाले टाटा स्काई ने गुरुवार को यू-टर्न लेते हुए इस बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि नमो टीवी 'हिंदी न्यूज़ चैनल' नहीं है. यह एक विशेष सुविधा है जो इंटरनेट के माध्यम से मुहैया कराया जा रहा है. और इसके प्रसारण के लिए सरकारी लाइसेंस की ज़रूरत नहीं. हालांकि इससे पहले टाटा स्काई कहता रहा था कि यह न्यूज़ चैनल है.
सरसरी निगाह से देखें तो नाम के कारण ये चैनल बीजेपी का लगता है, लेकिन अब तक आधिकारिक तौर पर बीजेपी ने इसके बारे में कुछ नहीं कहा है.
एनडीवीटी की एक ख़बर के अनुसार वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि "उचित अधिकारी इसका उत्तर देंगे, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और चुनाव आयोग को इसके बारे में टिप्पणी करने दीजिए. आपको और हमें इसमें नहीं पड़ना चाहिए."
इसके बारे में टाटा स्काई ने 29 मार्च को अपने एक ट्वीट में कहा था कि "चैनल 512 पर आने वाला नमो टीवी हिंदी न्यूज़ चैनल है और राजनीति के बारे में ख़बरें देता है."
एक अन्य ट्वीट में एक सवाल के उत्तर में टाटा स्काई ने कहा था कि "लॉन्च ऑफर के तौर पर ये चैनल सभी उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है. इसे हटाने का कोई विकल्प नहीं हैं."
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद सूची के अनुसार 31 मार्च 2019 तक देश में कुल 901 टीवी चैनल काम कर रहे हैं. इस सूची में नमो टीवी का कहीं कोई नाम नहीं है. इसके अलावा संचार सैटलाइट लिंगसैट के ज़रिए जुड़ने वाले डीटीएच सेवाओं की सूची में भी नमो टीवी का नाम नहीं है.
मंत्रालय की वेबसाइट पर एक सूची में 31 उन चैनलों के नाम हैं जिन्हें 31 जनवरी 2019 को चालू होने की इजाज़त मिली है. इसमें भी नमो टीवी का नाम नहीं है.
क्या दिखता है नमो टीवी पर?
भारत में लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच में होने वाले हैं और मार्च 10 से देश में आचार संहित लागू हो गई है.
नमो टीवी को कन्टेन्ट टीवी के नाम से भी पुकारा जा रहा है और चैनल की वेबसाइट पर साफ़ तौर पर कहा गया है कि ये नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण, उनसे जुड़ी ख़बरें और उनसे भाषण दिखाने के लिए है.
इस चैनल ने अपने लोगो में नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया है और ये टाटा स्काई, डिश टीवी और कई अन्य प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है.
कई लोगों ने इस पर ऐतराज़ जताया था और कहा था कि उनकी मर्ज़ी के बिना उन्हें ये चैनल परोसा जा रहा है.
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